क्या हार में क्या जीत में
किंचित नहीं भयभीत मैं
संधर्ष पथ पर जो मिले यह भी सही वह भी सही।
वरदान माँगूँगा नहीं।।
भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को आज पूरा देश सुशासन दिवस के रूप में मना रहा है और उन्हें याद कर रहा है। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देश को संबोधित किया।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में अटल बिहारी वाजपेयी को याद किया। इस मौके पर उन्होंने किसान आंदोलन के पहलू को भी छुआ।
उन्होंने कहा कि कुछ लोग भ्रम फैला रहे हैं कि नए कानूनों से आपकी जमीन चली जाएगी। मोदी ने देश के किसानों से अपील की है कि ऐसे लोगों के बहकावे में न आएं। ये कानून किसानों के हित में हैं।
उन्होंने इस मौके पर देश के 9 करोड़ किसानों के बैंक खातों में प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की इंस्टॉल्मेंट यानि करीब 18 करोड़ रूपए ट्रांसफर किए। मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से देश के विभिन्न किसानों से बात भी की जिन्होंने बताया कि उन्हें इन नए कानूनों के बनने से लाभ मिला है।
Arunachal Pradesh के एक किसान से बातचीत के दौरान मोदी ने कहा कि कुछ लोग इन कृषि कानूनों को लेकर भ्रम फैला रहे हैं। उनकी बातों में न आएं। Arunachal Pradesh के किसान ने प्रधानमंत्री को बताया कि उन्हें 4 महीने में 2-2 हजार रूपए मिले।
पीएम फंड से मिले पैसे से ऑर्गेनिक फार्मिंग शुरू की और एफपीओ बनवाया। उन्होंने कहा कि अब वो ऑर्गेनिक अदरक उगाते हैं। मोदी ने उनसे जब पूछा कि जिस कम्पनी से आप जुड़े हैं वो केवल आपसे अदरक लेती है या आपकी जमीन भी ले लेती है तो किसान ने कहा कि ऐसा बिलकुल नहीं होता।
इसके बाद मोदी ने ओडीशा के किसान से चर्चा की। ओडीशा के किसान ने बताया कि उन्हें 12 मार्च 2019 को किसान क्रेडिट कार्ड मिला। फिर उन्होंने 4 परसेंट पर लोन लिया।
उन्होंने कहा कि उन्हें साहूकार से 20 परसेंट की दर से कर्ज मिलता है। लोन के पैसे से उनके जीवन में सुधार हुआ है और आज उनके पास एक एकड़ जमीन है। इसपर मोदी ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने किसानों को कम दरों पर लोन देने की शुरूआत की थी, हम इसी काम को आगे बढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की नीतियों को घर घर तक पहुंचाने के लिए सरकार के अन्य प्रमुख मंत्री भी अलग-अलग राज्यों में किसानों को संबोधित कर रहे हैं।
आपको बता दें कि आज देश भर में भाजपा की ओर से कार्यक्रम किए जाएंगे। साथ ही किसानों के लिए चौपाल भी लगाई जाएगी। उन्हें प्रधानमंत्री का संबोधन दिखाया जाएगा। इसके अलावा भाजपा कार्यकर्ता घर-घर जाकर कृषि कानूनों को लेकर लिखे गए कृषि मंत्री के खत को बांटने का काम करेंगे।
चलिए आपको बताते हैं कि क्या है प्रधानमंत्री किसान सम्मान योजना
इसके तहत देशभर के किसानों को हर वर्ष केंद्र सरकार 6 हजार रफ़पए तीन किश्तों में देती है। अब तक करीब 10 करोड़ 96 लाख किसानों को इस योजना का लाभ मिल चुका है। कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने ये जानकारी वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से दी।
वहीं दूसरी तरफ, किसानों को दिल्ली के विभिन्न बॉर्डरों पर डटे आज पूरे 30 दिन हो चुके हैं। सरकार ने एक और चिठ्ठी लिखी। इसमें उन्होंने किसानों से बातचीत के लिए दिन और समय तय करने की अपील की है। साथ ही सरकार ने ये साफ कर दिया है कि एमएसपी से जुड़ी कोई भी नई मांग जो कृषि कानूनों के दायरे से बाहर है, उसे बातचीत में शामिल नहीं किया जाएगा।
आपको बता दें कि बुधवार को किसानों ने सरकार के पिछले न्यौते को ठुकरा दिया था। किसानों का कहना था कि सरकार के प्रपोजल में दम नहीं है। सरकार को नया एजंडा लाना चाहिए।